115 सांसदों के निलंबन का रिकॉर्ड पेश है यह रिपोर्ट
2019 से 2024 तक चलने वाले इस लोकसभा कार्यकाल में आप खूब मनोरंजित रहे, आपने खूब भिड़ंत देखी, अपने फ्लाइंग किस देखा और आपने अविश्वास प्रस्ताव भी देखा। यह कार्यकाल इस मायने में भी खास रहा की सबसे कम बैठकें हुई और सबसे ज्यादा सांसद निलंबित भी हुए। इसी पर पेश है यह रिपोर्ट आईये लोकसभा के कार्यकाल पर एक नजर डालते हैं।

इसी पर पेश है यह रिपोर्ट आईये लोकसभा के कार्यकाल पर एक नजर डालते हैं। पूरे कार्यकाल के दौरान कुल 240 बिल संसद में पेश किए गए जिसमें 45 बिल तो उसी दिन पास हो गए जिस दिन उसको संसद में पेश किया गया। कुछ प्रस्ताव विवादित रहे और उनके लिए आंदोलन भी हुए हैं।
240 में कुल 222 बिल पास हुए 11 वापस ले लिए गए और 6 बिल अभी भी लंबित हैं। इस लोकसभा कार्यकाल में सबसे कम 274 बैठकें हुई और कोरोना वायरस से भी प्रभावित रहा है। यह पहली लोकसभा कार्यकाल था जहां अध्यक्ष तो थे लेकिन उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं किया गया था।
इस बार संसद में खूब सवाल भी पूछे गए इस लोकसभा में औसतन एक सांसद ने 165 सवाल पूछे जिसमें मणिपुर के दो सांसदों ने सबसे कम 25 प्रश्न पूछा है प्रश्न पूछने में पूर्वोत्तर से सबसे अच्छा प्रदर्शन त्रिपुरा का है यहां के दो सांसदों ने 173 प्रश्न पूछा इसके बाद असम के 14 सांसदों ने 148 प्रश्न पूछा मेघालय के दो सांसदों ने 120 प्रश्न पूछा और अरुणाचल प्रदेश के दो सांसदों ने 151 प्रश्न संसद में पूछा है।
चर्चा के दौरान बसपा के सदस्यों ने सबसे अधिक भागीदारी दिखाई इसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के सांसदों ने भाग लिया। 17वीं लोकसभा के दौरान ही 115 सांसदों के निलंबन का रिकॉर्ड भी बना जिसमें से 100 सांसदों को तो 2023 के शीतकालीन सत्र के दौरान ही निलंबित कर दिया गया था।